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राधे यॉर मोस्ट वॉन्टेड भाई, इस बार की ईद थोड़ी नहीं काफी फीकी लगी star 2

फिल्म :   राधे- यॉर मोस्ट वॉन्टेड भाई 
कास्ट    :सलमान खान,दिशा पाटनी,रणदीप हुडा,जैकी श्रॉफ,गौतम गुलाटी
निर्देशक  : प्रभु देवा
श्रेणी:   ऐक्शन, थ्रिलर, क्राइम
संगीत : साजिद -वाजिद , हिमेश रेशमिया & रॉकस्टार 
ज़ी म्यूजिक 
स्टार :     2 .5 /5**

समीक्षक : पुष्कर ओझा      

  "एक बार जो मैंने कमीमेन्ट कर दो तो" यह संवाद फिल्म राधे- यॉर मोस्ट वॉन्टेड भाई में भी पिरोया गया है, दरअसल फिल्म राधे सीक्वल है 2009 में निर्देशक प्रभुदेवा और अभिनेता सलमान खान की फिल्म "वांटेड" आई थी उसी का सीक्वल है  फिल्म : राधे- यॉर मोस्ट वॉन्टेड भाई |  कमीमेन्ट हैं ईद पर रिलीज़ हो गई पर पेंडेमिक के चलते ओओटी प्लेटफार्म पर घर बैठे ईद मुबारक करने पहुंचे भाई कैसे है यह फिल्म करते है रिव्यु 
   कहानी  की बात करते हैं कहानी ड्रग माफिया पर है, मुंबई के कॉलेज में पढ़ रहे युवाओं को नशे की आदात डाल कर नशे के व्यापार को बड़ा करना चाहता है  राणा (रणदीप हुडा) इस ड्रग कार्टेल का बादशाह है। ड्रग्‍स ने शहर को गंदा कर दिया है और इसकी सफाई जरूरी है। राधे ( सलमान खान ) एनकाउंटर स्पेशलिस्ट होता है, जो पिछले 10 सालों में 97 एनकाउंटर कर चुका है और जिसके 23 ट्रांसफर हो चुके हैं। मुंबई शहर को ड्रग माफिया के चंगुल से छुड़ाने के लिए राधे की शहर में फिर से वापसी होती है |  अपने बॉस की बहन दिया (दिशा पटानी ) से प्यार हो जाता है। सफाई की जिम्‍मेदारी राधे को सौंपी जाती है। 'राधे' एक टिपिकल बॉलिवुड फिल्‍म है, जिसमें ऐक्‍शन है, ड्रामा है, कॉमेडी है | हा अगर थिएटर में देखते तो मजा अलग होता, सीटियां बजती तालिया बजती धमाल होता, भाई की इस बार की ईद यही सही | 
अभिनय की बात करते हैं  सलमान खान के अभिनय की बात क्या करना वह अपने किरदार को जस्टिफाई कर रहे हैं , जैकी श्रॉफ ने ठीक ठाक ही अभीनय किया निराश किया तो दिशा पटनी ने जब जब स्क्रीन पर आई क्यों प्रभुदेवा ने सलमान के अपोजिट कास्ट किया फिल्म में दमदार किरदार किया ो वह है रणदीप हुडा ने  सिद्धार्ध जाधव, सुधांसु पांडेय, गोविन्द नामदेव और स्पेशल ऍपेरेन्स में जैक्लीन भी नज़र आई | 
बात करते है निर्देशन की तो प्रभुदेवा ने इस बार नाराज कर दिया 1 घंटे 50 मिनट की फिल्म पटरी से उतरती नज़र आती है, अतिशय एक्शन खून खराबा मार धाड़ से लबालब होने के बावजूद बांधे नहीं रखती, सलमान जब जब स्क्रीन पर आये तब तब आनद आता है पर, लोकेशन फिल्म का अच्छा है, डायरेक्शन खूब कमी नज़र आयी , एडिट पर भी जोर दिया होता तो अच्छा होता, फिल्म बड़ी नहीं है पर बड़ी लगने लगती हैं | 
बात करते म्यूजिक की तो फिल्म के गानों को अलग अलग संगीतकार ने दिया गाना "सिटी मार" रॉकस्टार डीएसपी का है, "दिल दे दिया" और "राधे राधे" व "ज़ूम ज़ूम"   सांग साजिद -वाजिद का हैं | संगीत कर्णप्रिय है जो आज के युवाओं को पसंद भी आएंगे फिल्म में लगता है गाने ठुसे गए हो | बार बार राधे राधे का ट्रैक बजता है अच्छा लगता है पर थिएटर वाली फिलिंग आती भी हैं | 
    कमजोर कड़ी की बात करे तो फिल्म की कहानी को ठीक से परोसा नहीं गया, इनदिनों ड्रग माफिया ने फिर एक बार मुंबई को जक्कड़ लिया है गाठ वर्ष सुशांत सिंह राजपूत  की संगिध्द मौत के बाद | ड्रग माफिया के खिलाफ मुहीम शुरू हुए कई पेडलर पड़के भी गए, खेर हम उस विषय पर बात नहीं कर रहे है, राधे सलमान और रणदीप को छोड़ फिल्म में कुछ नज़र नहीं आता प्रभुदेवा ने भरपूर कोशिश की पर नहीं कर पाए, दिशा पटनी का अभिनय. कहानी एडिटिंग कमजोर ही नज़र आया 

 भाई की इस बार की ईद थोड़ी नहीं काफी फीकी लगी |